बच्चों के लिए कहानी | Bacho ke liye Kahani

एक समय की बात है, एक छोटी सी गाँव में एक नन्ही सी लड़की नामकिता रहती थी। वह बहुत ही प्यारी और मस्तिके स्वभाव की थी। नामकिता के पास एक अद्भुत स्वप्न था – वह एक दिन उसकी पसंदीदा परी के साथ खेलना चाहती थी।एक दिन, नामकिता जंगल की ओर चली गई। वह बड़े ही उत्साह से खोजने लगी कि कहीं परी मिल जाए। वह घास की चादर पर बैठ गई और ध्यान से देखने लगी।

Bacho ke liye Kahani- बच्चों के लिए कहानी

तभी, एक पिल्ला उसके पास आया और बोला, “हे नन्ही, तुम क्या ढूंढ रही हो?” नामकिता ने उसे बताया, “मैं अपनी पसंदीदा परी को ढूंढ रही हूँ।”पिल्ला हँसते हुए बोला, “परी तो जंगल के गहराई में ही रहती है, उसे ढूंढने की बजाय हम साथ में खेलते हैं, क्या कहती हो?”नामकिता को यह सुझाव पसंद आया और वह पिल्ले के साथ खेलने लगी। वे दौड़ते, उछलते, और खुशियों से भरपूर खेल खेलते रहे।

नामकिता को अपनी पसंदीदा परी को ढूंढने की बजाय अपने दोस्तों के साथ समय बिताने में बहुत अधिक आनंद आया।इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अक्सर अपने वास्तविक सुख को खोजने के लिए बहुत कुछ नहीं करना पड़ता है, वास्तव में हमारे चारों ओर ही सुख और आनंद हैं, हमें सिर्फ उन्हें देखने की क्षमता चाहिए।

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